Delhi Wali Sexy Kudi Ne Chut Ka Rang Dikhaya Mujhe

Hindi Sex Story, Sexy Ladki Ki Chudai दिल्ली में मेरी जॉब मेरे मामा जी ने अपने दोस्त से कहकर लगवाई थी मैं जयपुर का रहने वाला हूं और दिल्ली उससे पहले भी मेरा आना जाना लगा रहता था लेकिन अब मैं दिल्ली में ही जॉब करने लगा था। रविवार के दिन मेरी छुट्टी थी तो सोचा कि अपने मामा जी से मिल आता हूं काफी दिन हो गए थे मैं मामा जी से मिल भी नहीं पाया था। मैंने मामा जी को फोन किया और कहा कि क्या आप घर पर ही हैं तो वह मुझे कहने लगे हां बेटा मैं घर पर ही हूं। Delhi Wali Sexy Kudi Ne Chut Ka Rang Dikhaya Mujhe.

मैंने मामा जी से कहा कि मैं आपको मिलने के लिए आ रहा हूं वह मुझे कहने लगे कि हां दिनेश बेटा तुम घर पर ही आ जाओ। मैं उस दिन उनके घर पर चला गया मैं घर पर गया तो मैंने मामा जी से पूछा कि आज सोनू कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। वह मुझे कहने लगे कि सोनू अपने स्कूल के दोस्तों के साथ कहीं घूमने गया होगा तुम तो जानते ही हो कि आजकल वह कितना बिगड़ चुका है और हमारी बात वह बिल्कुल भी सुनता नहीं है।

मैंने मामा जी को कहा मामा जी अभी उसकी उम्र है तो मामा जी मुझे कहने लगे कि बेटा फिर भी उसे हमारी बात माननी तो चाहिए। मैंने मामा जी को कहा कि मैं भी उससे इस बारे में बात करूंगा वह मुझे कहने लगे कि हां बेटा तुम सोनू को एक बार इस बारे में जरूर समझाना मैंने उन्हें कहा जी मामा जी। हम दोनों बात कर रहे थे कि तभी मामी आ गई मामी ने मुझे कहा कि दिनेश बेटा तुम कैसे हो तो मैंने मामी से कहा मैं तो ठीक हूं आप बताइए आप कैसी हैं। वह कहने लगे की बेटा तुम्हें क्या बताऊं मेरी तबीयत ठीक नहीं रहती है। मैंने उनसे कहा कि आखिर क्या हुआ तो उन्होंने मुझे बताया कि उनके पैरों में बहुत ज्यादा दर्द रहता है और कई डॉक्टर से दिखाने के बाद भी अभी तक कोई आराम नहीं मिल पाया है।

मामा जी और मैं अब बात करने लगे मामा जी ने मुझसे कहा कि बेटा तुम्हारी नौकरी तो ठीक चल रही है मैंने उन्हें कहा जी मामा मेरी नौकरी तो अच्छी चल रही है।उन्होंने मुझे कहा कि बेटा क्या तुम इस बीच जयपुर भी जाने वाले हो तो मैंने उन्हें कहा मामा जी मैं जल्द ही जयपुर जाने के बारे में सोच रहा हूं काफी दिन हो गए हैं मां और पापा से अभी तक मिल नहीं पाया हूं। मामा जी मुझे कहने लगे कि ठीक है अगर तुम जयपुर जाओ तो मुझसे मिलते हुए जाना मैंने उन्हें कहा ठीक है। उस दिन मैं उनके घर पर ही रुका और अगले दिन मामा जी के घर से ही मैं अपने ऑफिस चला गया और उसके बाद जब मैं वापस शाम के वक्त अपने घर लौटा तो मेरी मां से मैंने उस दिन काफी देर तक बात की उन्होंने मुझे कहा कि दिनेश बेटा तुम कुछ दिनों के लिए घर आ जाओ। मैंने मां से कहा मां बस मैंने अपने ऑफिस में छुट्टी के लिए अप्लाई कर दिया है जैसे ही मुझे छुट्टी मिल जाएगी मैं कुछ दिनों के लिए घर आ जाऊंगा मां कहने लगी कि ठीक है बेटा मैंने उस दिन मां से करीब आधे घंटे तक बात की।

पापा सरकारी स्कूल में क्लर्क हैं और वह बड़े ही अच्छे हैं उन्होंने मुझे कभी भी किसी भी चीज के लिए मना नहीं किया। मैंने भी जल्दी घर जाने का फैसला कर लिया था और मैं जब अपने घर जयपुर जा रहा था तो उस दौरान जिस बस में मैं जा रहा था मेरे सामने वाली सीट में एक लड़की बैठी हुई थी। काफी देर तक तो मैंने उससे बात नहीं की और उसने भी मुझसे बात नहीं की लेकिन जब मुझे लगा कि मुझे उससे बात करनी चाहिए तो मैंने उससे बात की और अपना परिचय उसे दिया। उसने भी मुझे अपना नाम बताया और कहा मेरा नाम दिव्या है मैंने दिव्या से कहा कि क्या आप जयपुर में रहती है तो वह मुझे कहने लगी कि हां मैं जयपुर में ही रहती हूं, दिव्या से मेरी ज्यादा बात नहीं हुई। हम लोग जयपुर पहुंच चुके थे जयपुर पहुंचने के बाद मैं अपने घर चला गया मैं जब अपने घर पहुंचा तो मेरे मम्मी पापा बड़े खुश थे इतने समय बाद मैं उन लोगों से मिल रहा था तो वह लोग कहने लगे कि दिनेश बेटा हमें तुम्हारी बड़ी याद आती है और एक तुम हो कि जब से दिल्ली गए हो तब से घर ही नहीं आये। मैंने उन्हें कहा कि आप तो जानते ही हैं कि जब से मुझे नौकरी मिली है उसके बाद मैंने पहली बार ही तो छुट्टी ली है मुझे भी आप लोगों की बड़ी याद आती थी लेकिन मेरी मजबूरी है।

मां ने मुझे कहा बेटा तुम अपना सामान अपने कमरे में रख दो तो मैंने
मां से कहा हां मां मैं अपना सामान अपने कमरे में रख देता हूँ। उस दिन मैं घर पर
ही था मैं अगले दिन अपने दोस्तों से मिलने गया मैं जब अपने दोस्तो से मिला तो मुझे
बहुत अच्छा लगा। मैं अपने दोस्तो से मिलकर अपने घर लौट रहा था तो घर लौटते वक्त
मैंने रास्ते में देखा कि दिव्या मेरे दोस्त शिवम् के साथ आ रही थी। मैंने शिवम्
को देखते हुए अपनी मोटरसाइकिल रोकी और शिवम् से कहा कि शिवम् तुम कहां से आ रहे हो
तो शिवम् मुझे कहने लगा कि मैं अपने किसी रिश्तेदार के घर गया हुआ था वहीं से हम
लोग लौट रहे थे।

शिवम् ने मुझे जब दिव्या से मिलवाया शिवम् कहने लगा कि यह मेरी बहन है मैं तो कुछ समझ ही नहीं पाया। दिव्या ने कहा कि हम लोगों की मुलाकात कल ही तो हुई थी कल ही हम लोग बस में एक साथ आ रहे थे। मैं और शिवम् कुछ देर तक बात करते रहे फिर वह लोग भी चले गए लेकिन दिव्या से मेरी मुलाकात हो चुकी थी तो दिव्या से मैं बातें करने लगा था मुझे दिव्या से बातें करना अब अच्छा लगने लगा था। दिव्या का नंबर मुझे मिल चुका था इसलिए हम दोनों की बातें होने लगी थी।

कुछ ही दिनों में मै दिल्ली आ चुका था और दिव्या अभी भी जयपुर में
हीं थी वह अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रही है दिव्या और मैं एक दूसरे को पसंद करने लगे
थे। दिव्या ने एक दिन मुझे फोन किया और वह मुझसे बात करने लगी तो मैंने उसे कहा कि
दिव्या क्या तुम्हारे कॉलेज के एग्जाम खत्म हो चुके हैं तो वह मुझे कहने लगी हां
मेरे एग्जाम तो खत्म हो चुके हैं। मैंने दिव्या को कहा अब तुमने क्या सोचा है तो
वह कहने लगी कि मैं अब जॉब के लिए ट्राई कर रही हूं। मैंने दिव्या को कहा कि मैं
तुम्हारे लिए यहीं दिल्ली में कोई नौकरी देख लूं तो क्या तुम यहां जॉब करोगी तो वह
कहने लगी की हां क्यों नहीं। मैंने भी अब दिव्या के लिए दिल्ली में नौकरी की बात
कर ली थी वह भी अब दिल्ली जॉब करने के लिए आ गई थी। मैं बहुत खुश था कि हम दोनों
की मुलाकात होती रहती थी और हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे थे।

मुझे और दिव्या को रोज मिलना एक दूसरे से अच्छा लगने लगा जब भी हम दोनों एक दूसरे से मिलते तो हम दोनों बहुत ही खुश हो जाते। एक दिन दिव्या मुझसे मिलने के लिए घर पर आई हुई थी मैं और दिव्या साथ में बैठे हुए थे। हम दोनों आपस में बात कर रहे थे लेकिन उस दिन हम दोनों के अंदर एक अलग ही करंट सा जागने लगा जब मैंने दिव्या के हाथों को पकड़कर उसे अपनी ओर खींचा तो वह मुझे कहने लगी दिनेश यह सब ठीक नहीं है। दिव्या का गदराया हुआ बदन मेरी बाहों में आ चुका था मैं उसके स्तनों को महसूस करने लगा। मैं उसके बदन को दबाने लगा मुझे उसके स्तनों को दबाने में मजा आने लगा मैंने उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसा तो मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी और उसके अंदर की गर्मी बढ़ती जा रही थी। उसने मुझे कहा मेरी गर्मी बहुत बढ चुकी है। मैंने उसके बदन से कपड़े उतारे जब मैंने उसके बदन से कपड़े उतारकर उसे अपने सामने नंगा कर दिया तो वह मेरे सामने शर्माने लगी। “Delhi Wali Sexy Kudi”

वह मेरे सामने नंगी लेटी हुई थी उसका गोरा बदन चमक रहा था जैसे कि
वह दूध से नहाती हो। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और उसे भी बड़ा अच्छा महसूस हो
रहा था। हम दोनों के अंदर की गर्मी कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी थी जब मैंने दिव्या की
गुलाबी चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो वह मुझे कहने लगी मुझे अब मत तड़पाओ मै
बिल्कुल नहीं रह पाऊंगी। वह अपने पैरों को आपस में मिलाने लगी जिससे कि मुझे भी
महसूस होने लगा कि वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही है और हम दोनों के अंदर की गर्मी
अब इस कदर बढ़ गई कि हम दोनों रह नहीं पाए। मैंने जब दिव्या से कहा मैं तुम्हारी
चूत मे अपने लंड को घुसेड देता हूं मैंने जैसे ही दिव्या की चूत के अंदर अपने लंड
को घुसाया तो वह बहुत जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी आज मुझे मजा आ गया।

अब मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ गया था क्योंकि उसकी योनि से जिस प्रकार से खून बाहर की तरफ निकाल रहा था उससे मेरी गर्मी और भी ज्यादा बढ़ रही थी। मेरे अंदर की गर्मी अब इस कदर बढ़ गई कि मैं बिल्कुल भी रहा नहीं पा रहा था मैं उसे इतनी तीव्र गति से चोद रहा था कि मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर लंड को इतनी तेजी से करना शुरू कर दिया कि मेरा लंड पूरी तरीके से छिलकर बेहाल हो चुका था लेकिन मुझे मजा आ रहा था। दिव्या की चूत मारने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था और उसको भी बहुत आनंद आ रहा था।

वह मुझे कहने लगी तुम मुझे ऐसे ही चोदते जाओ मैं उसे जोरदार तरीके से धक्के मार रहा था जिस तेज गति से मैं उसे चोद रहा था उस से उसका शरीर पूरी तरीके से हिल रहा था और मेरे शरीर से अब इतना ज्यादा पसीना छूटने लगा था कि मुझे महसूस होने लगा था मैं उसकी चूत की गर्मी को झेल नहीं पा रहा हूं और ना ही दिव्या मेरे लंड की गर्मी को झेल नही पा रही थी। मैंने दिव्या की चूत में जब अपने माल को गिराया तो वह खुश हो गई और कहने लगी दिनेश आई लव यू। जब मैंने उसे चोदकर उसकी चूत की गर्मी को मिटा दिया तो उसने मुझे आई लव यू कहा और मुझे अपना दीवाना बना लिया। “Delhi Wali Sexy Kudi”

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