Hindi Sex Story मेरा नाम अरमान है में बस्ती में रहता हूँ. दोस्तों में आपको बता दूँ की में कोई लेखक नही हूँ. और ना ही मुझे कोई कहानी मन से लिखनी आती हे. इसलिय दोस्तों आप से निवेदन हे की अगर मुझसे कहानी लिखने में कोई गलती हो गयी हो तो मुझे अपना दोस्त समझ कर माफ़ कर देना. और जो भी में आपको बता रहा हूँ वो सब सच हे. में पहली बार किसी वेब साईट पर अपना सच बता रहा हूँ. तो दोस्तों आपका ज्यादा समय ना लेते हुए में अपनी कहानी पर आता हूँ। Sofe Par Patak Kar Bhabhi Ki Chut Mar Liya.
यह बात आज से 6 महीने पुरानी है जब हमारे मकान मे एक किरायेदार रहने के लिए आए थे. में उन्हें भय्या और भाभी कहता था. धीरे धीरे उनसे रीलेशन अच्छे बनते गये और में उनके करीब पहुचता गया. भाभी का पति तो ज़्यादातर बाहर ही रहता था. कभी गोरखपुर कभी लखनऊ आदि कभी कही कभी कही. एक दिन यूँ हुआ की भाभी के पति गये हुए थे और मेरे घर वाले भी बस्ती से बाहर गये थे और कमरे की चाबी भाभी को दे गये. मुझे घरवालो ने फोन करके बता दिया था की चाबी भाभी के पास है. में घर पर आया और सीधा भाभी के कमरे की बेल बजाई तो भाभी निकली उस वक़्त उन्होने ब्लू कलर का डीप नेक सूट पहन रखा था और सिर पर दुपट्टा भी नही था. वैसे भाभी का फिगर 36 32 36 होगा. ब्रा इतनी टाइट पहन रखी थी की बोब्स बाहर आने के लिए फड़फडा रहे थे।
मैने कहा भाभी चाबी चाहिए तो भाभी ने कहा अंदर आ जाओ में चाबी लाती
हूँ… इत्तेफ़ाक़ से क्या हुआ की भाभी चाबी रख कर भूल गई. भाभी थोड़ी देर बाद आई और
मुझसे कहा की चाबी तो पता नही कहा रख कर भूल गई में, मैने कहा भाभी चाबी तो चाहिए नही तो
में रात को कहा पर लेटुंगा तो भाभी ने कहा की ठीक है में और अच्छी तरह से एक बार
और देख लूँगी.. यह कह कर वो सोफे पर बैठ गई और मुझसे बात करने लगी और फ्रिज मे से
पेप्सी निकाल कर ले आई. मुझे भाभी ने पेप्सी सर्व करी और खुद ने नही पी. मैने कहा
आप भी लो तो भाभी ने कहा की नही मे नही लूँगी… मेरे सर में दर्द हो रहा है सुबह
से… तो में भाभी के पास उठ कर गया और मैने कहा की में आपका सर दबा देता हूँ..
भाभी मना करने लगी की नही तुम तक़लीफ़ मत करो में दवा ले लूँगी..
तो मैने कहा भाभी क्या मुझे इतना भी हक़ नही है की में आपका सर दबा सकु मेरे फोर्स
करने पर भाभी मान गई.
में सोफे पर चढ़ कर भाभी का सर इस अंदाज़ से दबा रहा था की भाभी की रीड की हड्डी मेरे लंड से टच हो रही थी. मेरा लंड भाभी के स्पर्श से ही फंनफना गया और ऊपर से भाभी का ही नेक गले का ब्लाउस था. जिसके कारण उनकी चूची ऊपर से साफ़ दिखाई दे रही थी. में धीरे धीरे सर दबा रहा था. भाभी मदहोश सी होती जा रही थी. फिर क्या था मैने भाभी को अपनी आगोश मे ले लिया और वही सोफे पर लेट गया. तो बभी ने एकदम से उठ कर कहा की यह क्या कर रहे हो तो मैने भाभी से कहा की भाभी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो में आपसे बहुत बहुत प्यार करता हूँ… तो भाभी ने इतरा कर कहा की वा.. जी.. वा.. बड़ा आया प्यार करने वाला प्यार करने वाले इतनी देर नही लगाते है.. मैने जो देखा तो भाभी सलवार नीचे खुली पड़ी थी। मुझे ग्रीन सिग्नल मिलते ही में लग गया अपने काम पर।
पहले तो मैने भाभी के होंठ को चूस चूस कर लाल कर दिया फिर उसके बाद
मैने कहा भाभी से की भाभी कभी लंड का भी स्वाद चखा है तुमने तो कहने लगी छी.. मुझे
तो घिनं आती है… मैने कहा घिनं किस बात की अरे यह तो बाहर देश मे खूब जम के होता है
वो लोग तो पहले लंड ही चूसाते है और अगर बिना लंड चूसाए वो चोदेंगे तो उनका खड़ा
नही होगा… तो भाभी ने कहा जैसे भी हो में नही चूसूंगी… मैने कहा ठीक है आज नही तो
कल पता चलेगा. इसके स्वाद का.. तो में खड़ा हुआ. लंड तो खड़ा ही था मैने अपनी पेंट
खोली लंड निकाला. मेरा लंड तकरीबन 6 इंच लंबा है और 2.5 इंच मोटा है भाभी मेरा लंड
देख कर चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कुराहट ला कर बोली तुम्हारा लंड तो बहुत तगड़ा है…
मैने कहा अरे खाते पीते घर के है ऐसे वैसे थोड़ी ना है… में भाभी के पास जा कर
खड़ा हो गया और भाभी भी खड़ी थी।
मैने खड़े ही खड़े भाभी की चूत पर हाथ फेरा और भाभी इतनी उतावली थी की उसने आओ देखा ना ताओ फटाफट लंड को अपनी चूत मे डालने के लिए कहने लगी में खड़े खड़े ही उसकी चूत मे लंड डालने की कोशिश कर रहा था. मगर मेरी कोशिश नाकाम हो गई. फिर एक कुर्सी रखी थी में कुर्सी पर बैठ गया. मैने कहा भाभी से की अब आ जा मेरे उपर तो भाभी एक दम मेरे पास आ कर मेरे लंड पर बैठ गयी और अपनी गांड हिलाने लगी. थोड़ी देर बाद मेरे झड़ने का टाइम आया तो मुझे याद आया की भाभी ने कहा था की अंदर मत झड़ना दिक्कत हो जाएगी।
मैने झट से अपना लंड चूत में से निकाला और दीवार पर पिचकारी छोड़
दी उस दिन भाभी और मैने जमकर 5 बार चुदाई की. यह सिलसिला 4 महीने तक चलता रहा. जब
भी मुझे और भाभी को मोका मिलता हम लोग जम के चुदाई करते थे. मगर 2 महीने पहले भाभी
ने अपना कमरा चेंज कर लिया. क्योंकि उनके पति को गाड़ी पार्क करने की दिक्कत थी.
उन्होने ऐसी जगह कमरा ले लिया जहा पार्किंग का हिसाब ठीक था. अब 15 20 दिन मे एक
आद बार चुदाई का मोका मिलता है तो हम लोग काम कर लेते है. नही तो वो अपने घर में
अपने घर…
मेरी अपनी राय यह है औरतो के बारे में की औरत के कभी भी सेक्स करो तो उन्हे पूरी तरह नंगा मत करो क्योंकि नंगी औरत कभी भी अच्छी नही लगती. एक पर्दा होना चाहिए जो सेक्स को बढ़ाए. जैसे मैने जब भी भाभी की चूत मारी मेने कभी भी उनके पुरे कपड़े नही उतारे कभी उनको ब्रा में चोदा कभी सूट पहने ही पहने सूट को उपर करके उनके चूचियों को चूसा कभी साड़ी का पेटीकोट उपर करके चूत मारी. सबसे ज़्यादा मज़ा आता है साड़ी में चूत मारने का. साड़ी को उतारो पेटीकोट की नीचे से पेंटी को उतारो पेटीकोत को उपर चड़ा कर खड़े खड़े चूत मारो, गोद मे उठा कर चूत मारो आनंद आएगा।