Hindi Sex Story मेरा नाम प्रियंका है। मैं दिल्ली में रहती हूँ मेरी उम्र 29 साल है, मैं बहुत ही सेक्सी हूँ। मैं Crazy Sex Story पर रोजाना रात को ओपन करती हूँ और हॉट कहानियां पढ़ती हूँ। पर दुःख की बात है की मेरी वासना शांत नहीं हो पा रही है। पति चोद नहीं पता है। जब भी वो मेरे ऊपर चढ़ता है और चूत पर अपना लौड़ा रखता है और दो से तीन मिनट में ही वो खल्लास हो जाता है। मुझे तो लगता है चूचियां उसके गांड में डाल दूँ। Kamsutra Ke Tariko Se Shant Kiya Meri Vasna Ko.
आप ही बताओ भाई साहब जब एक औरत को लंड नहीं मिले तो वो क्या करे। मूठ तो मार सकती नहीं ऊँगली करती हु तो कुछ नहीं होता और पागल हो जाती हूँ इसी सब की वजह से मैंने भाई साहब को अपने जाल में फँसाई और फिर उनको अपना गुलाम बनाई और अब जब भी मुझे चुदाई का मन करता है चुदवा लेती हूँ। अब मैं आपको पूरी कहानी बताउंगी।
जैसा की आपको पता चल गया है मैं
अपने पति से संतुष्ट नहीं हो पा रही थी तो मैंने एक जानपहचान के भाई साहब हैं वो
मुझे भाभी कहते हैं। पड़ोस में ही रहते हैं तो उनके वाइफ से जान पहचान बनाई। और फिर
उनके घर जाने लगी। उनकी वाइफ बड़ी भोली है वो बातों में ज्यादा आ जाती है। और मैंने
अपनी अदाओं के द्वारा उनको अपने और आकर्षित करने लगी। और वो धीरे धीरे मेरी चंगुल
में आ गए। दिवाली के दिन उनको मैं जादू की झप्पी दी और अपनी चूचियां उनके सीने में
रगड़ी की वो वो मेरे फैन हो गए। उसके बाद जब उनकी पत्नी सो जाती और मेरे पति सो
जाते तब हम दोनों रात को व्हाट्सप्प पर चैटिंग करते और फिर दोनों बाथरूम में जाकर
स्काइप पर एक दूसरे को खुश करते। पर दुरी से क्या होगा उधर उनका लौड़ा खड़ा होता था
इधर मेरी चूत गीली होती थी। पर कोई फायदा नहीं होता है। प्यासी की प्यासी।
एक दिन हम दोनों ने प्लान बनाया की मैं आपके घर जाकर बोलूंगी की मेरी माँ का तबियत बहुत ख़राब है वह मुझे जल्दी पहुंचना है। मैं उनके घर गई और रोने का नाटक करने लगी की भाई साहब आप प्लीज अपनी गाडी से मुझे आगरा ले चलो एक दिन की बात है अगर माँ ठीक रही तो कल आपके साथ ही आ जाउंगी और नहीं तो आप मुझे वही छोड़ देना। उनकी वाइफ तुरंत ही अपने पति को बोली जाओ जी ऐसे मौके पर अगर हमलोग काम नहीं आये तो बेकार है। और फिर भाई साहब अपनी गाडी निकाले और मैं निकल पड़ी। मेरे पति किसी काम से दिल्ली से बार गए तो मैं ये चाल चली।
हम लोग दिल्ली के एक होटल में
कमरा लिए और एक बोतल शराब खरीदी,
और करीब शाम के तीन बजे उस होटल
में चेकिन कर लिए। दोस्तों वह जाकर पहले तो दोनों मिलकर शराब पि चिकन खाया और फिर
शुरू हो गए। पहले तो दोनों नंगे होकर एक साथ बाथरूम में नहाये। नहाते नहाते ही
उन्होंने मेरे बदन में आग लगा दिया। वो मेरी चूचियां पि पि कर उसके बाद मेरी चूत
चाट चाट कर मुझे कामुक कर दिया था उन्होंने। दोस्तों मैं काफी गरम हो गई थी। उनका
लंड बहुत मोटा और लंबा था आज लग रहा था आज पूरी रात चुदवा चुदवा कर अपनी चूत फाड़
लुंगी।
नहाकर हम दोनों बेड पर आ गए। उन्होंने मुझे पहले खूब चूमा पेअर के अंगूठे से लेकर मेरी मांग तक चूत मेरी गीली हो गई थी. मेरी चूचियां बड़ी बड़ी थी और भी टाइट हो गई थी। निप्पल मेरे खड़े हो गए थे। मेरा रोम रोम सिहर रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे मेरे अंदर वासना की आग लग गई थी। मुझे ऐसा लग रहा था की मेरे शरीर में जितने भी छेद हैं चाहे मुँह हो गांड हो चूत हो भाई साहब का लौड़ा उसमे डालबाऊँ। दोस्तों पहले तो उन्होंने मेरी चूत खूब चाटा, दोनों 69 के पोजीसन में आ गए थे और वो मेरी चूत चाट रहे थे और मैं उनके लंड चूस रही थी।
फिर उन्होंने मेरी चूत में लौड़ा
डालना शुरू किया और जोर जोर से मुझे चोदने लगे. मैं भी उनके साथ हो ली और गांड उठा
उठा कर चुदवाने लगी। पुरे कमरे से सेक्सी आवाज आ रही थी। आज मुझे किसी मर्द से
पाला पड़ा था मेरे चूत में अंदर तक भाई साहब का लौड़ा जा रहा था। उन्होंने कामसूत्र
के करीब 10 तरीके अपनाएं मुझे चोदने के लिए। फिर उन्होंने मेरी
गांड मारी आज तक मैं कभी गांड में लौड़ा नहीं घुसाई थी पर आज ये भी हसरत मेरी पूरी
हो गई थी।
शाम के करीब 7 बजे तक दो बार चुदाई कर चुके थे। फिर वो होटल से बहार जाकर अपने से कामशक्ति का टेबलेट लाये। शाम को फिर हम दोनों ने शराब पि और फिर चुदाई की। रात में टेबलेट खा खा कर करीब 6 बार मुझे चोदे। पर दोस्तों दूसरे दिन सुबह हम दोनों से उठा नहीं जा रहा था। होटल से एक बजे निकले और फिर घर गए। दोस्तों पहली बार मेरी वासना शांत हुई थी भाई साहब के साथ। अब मैं अलग अलग बहाने कर के अपनी शरीर की आग को बुझाऊँगी।