बाथरूम का नल खराब था उससे पानी काफी तेजी से टपक रहा था। मैं तो नहा गई लेकिन पानी बहुत ज्यादा टपकने लगा था जिस वजह से मैंने उमेश को कहा उमेश क्या तुम प्लंबर को बुलवा सकते हो। उमेश ने हां का जवाब दिया और वह रूममें चले गए। मुझे लगा उमेश ने शायद सुना नहीं है मैं जब उमेश के रूम में गई तो वह चश्मा लगाए मेज पर बैठे हुए थे और अपनी किताब पढ़ने में इतने मस्त थे की उन्हें कुछ पता ही नहीं चला कि मैं कब कमरे में आ गई। Devar Ka Underwear Mein Mota Lund Dekh Kar Bechain Ho Gai.
मैंने उमेश
से कहा लगता है उमेश तुमने मेरी बात नहीं सुनी वह कहने लगे दिया मैंने तुम्हारी
बात सुन ली है मैं थोड़ी देर बाद प्लंबर को बुला दूंगा। मैंने उमेश से कहा लेकिन
तब तक तो पानी बहुत ज्यादा गिर जाएगा तुम बाथरूम में जाकर देखो पानी कितना ज्यादा
टपक रहा है।
वह कहने लगे ठीक है बाबा अभी देख लेता हूं उनके यह कहते हुए मैं थोड़ा आश्वस्त हो गई और जब उन्होंने बाथरूम में जाकर देखा तो पानी बहुत ज्यादा टपक रहा था उन्होंने मुझे कहा ठीक है मैं अभी प्लंबर को बुला देता हूं। हमने जब प्लंबर को फोन किया तो प्लंबर भी किसी राजा से कम नहीं था उसने कहा साहब देखता हूं यदि मुझे समय मिलेगा तो मैं आ जाऊंगा। उमेश अब सोचने लगे कि किस को बुलाया जाए जब उमेश ने मुझे कहा कि मैं खुद ही प्लम्बर को ले आता हूं तो वह खुद ही चले गए जब वह गए तो वह प्लंबर को अपने साथ ही ले आए।
प्लंबर नल को
देखने लगा वह कहने लगा साहब इसे बदली करवाना पड़ेगा उमेश ने कहा मैंने कुछ दिन
पहले ही तो इसे नया खरीदा था,
ना जाने अब तक मै कितने नल लगवा
चुका हूं लेकिन कोई भी नल ज्यादा दिन तक टिकता ही नहीं है। वह प्लंबर कहने लगा
साहब अब नकली चीज लाओगे तो वह कितने दिन तक चलेगी उमेश ने कहा कि चलो यह बताओ
इसमें कितना खर्चा आ जाएगा। वह कहने लगा साहब इसमें 2000 तक का खर्चा
आएगा लेकिन मुझे तो यह बहुत महंगा लग रहा था और उमेश को भी बेवजह हजार रुपए खर्च
करना पसंद नहीं आ रहा था। उमेश ने उस पलंबर से कहा भैया कुछ कम तो करो वह कहने लगा
आप 1800 दे दीजिएगा इससे कम संभव नहीं हो पाएगा।
हम लोग चाहते थे कि वह पैसे कम कर ले और आखिरकार वह मान गया उमेश ने कहा ठीक है आप नल बदल दीजिए। अब उसने नल तो बदल दिया था लेकिन उसकी भी कोई गारंटी नहीं थी की कितने दिन तक नल चलने वाला है मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था क्योंकि सुबह सुबह ही 800 खर्च हो गए थे। मैंने उमेश से कहा क्या आप मेरे साथ चलेंगे उमेश कहने लगे कहां चलना है मैंने उमेश से कहा यदि आपकी आज छुट्टी है तो हम लोग घर का राशन भी भरवा लेते हैं। उमेश कहने लगे ठीक है घर का राशन भी आज ही भरवा लेते हैं। हम लोगों ने घर का राशन भरवा लिया और शाम तो हो ही चुकी थी और जब शाम हो गई तो उसके बाद उमेश कहने लगे आज तो दिन पूरा खराब हो गया। मैंने उमेश से कहा लेकिन घर का तो काम हो ही गया उमेश कहने लगे चलो अब खाना बना दो मुझे बहुत भूख लग रही है।
जब उमेश ने
पूछा कि बच्चे कहां है तो मैंने उमेश से कहा वह अभी आते ही होंगे। बच्चे आस-पड़ोस में
घूमने के लिए चले जाते थे और जब वह लौटे तो उमेश ने उन्हें डांटना शुरू कर दिया
मैंने उमेश को कहा कि उन्हें मत डाँटिये। उमेश कहने लगे बच्चे बिना बताए कहीं भी
चले जाते हैं यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है और तुम इन्हें कुछ ज्यादा ही सर पर चढ़ाती
जा रही हो। मैंने उमेश से कहा कि आप अभी मत बोलिए उमेश गुस्से में अपने कमरे में
चले गए और मैं रसोई में चली गई मैंने खाना बना लिया था लेकिन जब मैं कमरे में गई
तो मैंने देखा उमेश बिस्तर पर लेटे हुए थे उन्होंने अपने चश्मे को पहना हुआ था और
किताब उनके सीने पर थी। मैंने किताब को हटाते हुए मेज पर रख दिया और उमेश से कहा
कि आप भोजन कर लीजिए उमेश कहने लगे बस अभी आता हूं। उमेश बाथरूम में चले गए और
थोड़ी देर बाद आ गए तब तक मैंने खाना टेबल पर लगा दिया था बच्चों ने भी हमारे साथ
ही भोजन किया।
अगले दिन
सुबह 7:00 बजे उमेश का चचेरा भाई गांव से आ गया वह बिना बताए ही
आ गया था उमेश कहने लगे कम से कम एक बार बता तो देते। वह कहने लगा भैया बताने का
समय ही नहीं लग पाया उमेश कहने लगे चलो कोई बात नहीं मैं तो ऑफिस निकल जाऊंगा
लेकिन तुम्हारी भाभी घर पर ही हैं। उमेश ऑफिस के लिए तैयार होने लगे तो उनका भाई
कहने लगा कि भैया आप ऑफिस जा रहे हैं तो उमेश ने रंजन से कहा हां मैं ऑफिस जा रहा
हूं।
जब उमेश ने रंजन से कहा तो वह कहने लगा कि भैया मैं भी अपने इंटरव्यू के लिए यहां आया हुआ था मैंने रंजन से पूछा तुम्हारा कौन सी कंपनी में इंटरव्यू है रंजन कहने लगा भाभी जी मैंने एक BPO कंपनी में इंटरव्यू दिया हुआ है देखो अब क्या होता है। उमेश ने रंजन से पूछा तुम्हारा इंटरव्यू कब है वह कहने लगा भैया आज ही है और आज दोपहर 2:00 बजे इंटरव्यू का समय है। उमेश कहने लगे मैं तो ऑफिस जा रहा हूं और तुम भी इंटरव्यू अच्छे से देना यह कहते हुए वह चले गए मैंने उमेश को टिफिन दिया और उसके बाद वह अपने ऑफिस के लिए निकल गए। मैंने रंजन से कहा मैं तुम्हारे लिए नाश्ता बना देती हूं रंजन कहने लगा हां भाभी आप मेरे लिए नाश्ता बना दीजिए।
मैं रंजन के
लिए नाश्ता बनाने लगी और रंजन भी अपने इंटरव्यू पर जाने के लिए तैयारी करने लगा वह
अपने डॉक्यूमेंट को अच्छे से संभाल रहा था ताकि कोई भी दिक्कत ना हो। मैंने रंजन
के लिए नाश्ता बना दिया था रंजन को मैंने घोषणा करते हुए कहा कि रंजन तुम नाश्ता
कर लो रंजन कहने लगा बस भाभी अभी आया। रंजन बाहर आया तो वह कहने लगा मैं नहा लेता
हूं उसके बाद ही मैं नाश्ता करूंगा मैंने रंजन से कहा ठीक है तुम नहा लो। रंजन
नहाने के लिए चला गया और मैं उसके लिए नाश्ता तैयार कर चुकी थी रंजन बाथरूम से
बाहर निकला और खाने के लिए डाइनिंग टेबल पर आया तो कहने लगा कि आपने क्या बनाया
है।
मैंने उसे
कहा मैंने तो आलू के पराठे बनाए हैं वह कहने लगा आपने तो आज मेरे पसंदीदा पराठे
बना दिए हैं। मैंने उसे कहा तुम पराठे खाओ तो रंजन पराठे खाने लगा और मैं भी उसके
साथ अपने सुबह का ब्रेकफास्ट कर रही थी। हम दोनों ने ब्रेकफास्ट किया और कुछ देर
तक हम लोग साथ में बैठे रहे लेकिन जब रंजन ने अपने तौलिए को निकाला तो उसके
अंडरवियर को देखकर मैं उसकी तरफ मचलने लगा। मैंने रंजन से कहा मुझे तुम्हारे लंड
को अपने मुंह में लेना है रंजन कहने लगा भाभी क्या बात कर रही हो भैया मेरे बारे
में क्या सोचेंगे और आप अपनी मर्यादाओं को लांघ रही है। मैंने रंजन से कहा कोई बात
नहीं इस वक्त मैं किसी को नहीं बताऊंगी हम दोनों अकेले हैं यह बात हम दोनों के बीच
तक ही रहेगी।
रंजन मुझे कहने लगा भाभी यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है भैया का भरोसा मुझ पर से उठ जाएगा। मै रंजन के लंड को अपने मुंह में लेना चाहती थी और जब म रंजन के मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसती तो उसे मजा आ जाता और मुझे भी मजा आ जाता। इससे रंजन पूरा उत्तेजित होने लगा था वह अपने आपको रोक ना सका मैंने भी रंजन के सामने अपने कपड़े उतारे तो वह भी शायद अपने आपको ना रोक सका। जैसे ही रंजन ने मेरी चूत को चाटा तो उसे अच्छा लगने लगा मुझे भी मजा आ रहा था वह भी पूरी तरीके से मजे में आ गया था।
काफी देर तक
उसने मेरी चूत को चाटा जब उसने मेरे स्तनों का रसपान करना शुरू कर दिया तो मुझे और
भी मजा आने लगा। रंजन मेरे स्तनों का रसपान कर रहा था उससे मेरे स्तनों से दूध
बाहर की तरफ निकलने लगा मेरा दूध अब इतना बाहर निकालने लगा कि मेरी योनि से पानी
निकलने लगा। जैसे ही रंजन ने मेरी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो मैने रंजन से
कहा कसम से तुमने तो मेरी इतने बरसों की मुराद को पूरा कर दिया है।
मुझे बड़ा
अच्छा लगता इसी के साथ रंजन ने मेरे दोनों पैर को खोल दिया और जिस प्रकार से रंजन
मेरे चूत के अंदर बाहर करता मुझे अच्छा लगता। उसका लंड आसानी से मेरी चूत के अंदर
बाहर हो रहा था। मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था और रंजन को भी मजा आ रहा था। रंजन
कहने लगा भाभी आप घोडी बन जाओ?
रंजन ने मुझे घोड़ी बनाया और
मेरी चूत पर जब उसने अपने लंड को प्रवेश करवाया तो उसका लंड मेरी योनि के अंदर चला
गया और मेरे मुंह से बडी तेज चीख निकली।
रंजन ने मेरी चूत का भोसड़ा बनाकर रख दिया था और वह मेरी योनि के अंदर बाहर अपने लंड को किए जाता काफी देर तक ऐसा करने के बाद जब रंजन ने मुझे कहा कि भाभी लगता है मेरा वीर्य गिरने वाला है। मैंने रंजन से कहा तुमने तो मेरी हालत खराब कर दी मैंने उसे कहा जल्दी से अपने वीर्य को गिरा दो। रंजन ने अपने वीर्य को मेरी योनि के अंदर गिरा दिया। रंजन का वीर्य योनि में गिरते ही मुझे अच्छा लगने लगा। “Devar Ka Underwear Mein”
रंजन अपना इंटरव्यू देने के लिए चला गया जब उस रात रंजन वापस आया तो उस रात भी मैंने रंजन के साथ जमकर सेक्स के मजे लिए और कुछ दिनों तक रंजन हमारे घर पर ही रुकने वाला था। उसकी नौकरी लग चुकी है और वह मुझसे मिलने के लिए आ जाए करता। रंजन और मेरे बीच के रिश्ते नाजायज जरूर है लेकिन रंजन मेरी हर इच्छा पूरी कर दिया करता है अब मुझे उमेश की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि रंजन के साथ मुझे संभोग करने में बड़ा मजा आता है। रंजन के मोटे लंड को जब मै लेती हूं तो ऐसा लगता है जैसे कि मैं आसमान की सैर कर रही हूं। “Devar Ka Underwear Mein”