मेरा नाम सूरज गुप्ता है, उम्र 27 साल, रंग गोरा और बदन गठीला है और अभी तक मैं कुँवारा हूँ। मैं गोरखपुर में एक कंप्यूटर सेन्टर चलाता हूँ, जिसमें मैं और मेरा एक बिज़नस पार्टनर है। कंप्यूटर सेन्टर बिज़नस पार्टनर के घर के एक कमरे में चलता है। उस कमरे का एक दरवाज़ा बिज़नस पार्टनर के घर के अन्दर खुलता है। मैं अक्सर कंप्यूटर सेन्टर चलाता हूँ और बिज़नस पार्टनर बाहर के काम निपटाता है। बिज़नस पार्टनर के घर में उसकी पत्नी सुधा, उम्र लगभग 26 साल, कद 5′ 2″, रंग गोरा और भरे-पूरे बदन की मालकिन अकेली ही रहती थी। वो हालांकि मुझे छोटी थी पर फिर भी मैं उसको भाभी जी ही बुलाता था। खाली समय में हम दोनों खूब लम्बी बातें किया करते थे। Business Partner Ki Wife Meri Sex Partner Bani.
एक बार मेरा बिज़नस
पार्टनर किसी काम के सिलसले में जयपुर गया था 4-5 दिनों
के लिए। इसलिए सेन्टर का सारा काम मुझे संभालना पड़ रहा था। हफ्ते के 6 दिन तो
बच्चो को ट्रेनिंग देने में ही निकल जाते और इतवार को मुझे दफ़्तरी काम निपटाना
होता था।
उस दिन भी मैं सेन्टर में कंप्यूटर पर बैठा अपना जरूरी काम कर रहा था, चपरासी को भी जल्दी थी तो मैंने उससे सेन्टर का मुख्य-द्वार बंद करके चले जाने को कहा। मैंने सोचा सेंटर का गेट बंद होने बाद मैं अन्दर बैठ कर अपना काम शांति से कर सकूँगा और फिर बिज़नस पार्टनर के घर वाले दरवाज़े की तरफ से बाहर चला जाऊंगा। तो मैंने जाने को कह दिया। उसने ऐसा ही किया और वो चला गया। अब मैं सेन्टर के अन्दर बिलकुल अकेला था।
काफी देर काम करने के बाद
जब मैं अपना काम कम्प्यूटर में सेव कर रहा था तभी मेरी नजर कंप्यूटर में सेव की
हुई एक मूवी पर पड़ी जो शायद किसी टीचर ने या फिर मेरे बिज़नस पार्टनर ने लोड कर दी
थी। वो एक ब्लू फिल्म थी। मैं काम करके काफी थका हुआ था तो कुछ मस्ती करने के मूड
में मैंने वो फिल्म चालू कर दी चूँकि मैं सेन्टर में अकेला था इसलिये मुझे कोई डर
भी नहीं था। फिल्म देखते देखते मेरा 8″ का
लण्ड पैंट के अन्दर तम्बू बन कर खड़ा हो गया। मुझे काफी गर्मी लग रही थी तो मैंने
अपने सारे कपड़े उतार दिए। अब मैं सेन्टर में बिलकुल नंगा होकर ब्लू फिल्म देखते
हुए मुठ मार रहा था।
तभी पीछे से एक खट की
आवाज ने मेरी तेज़ होती सांसों को ब्रेक लगाने पर मजबूर कर दिया। मैंने पलट कर
देखा तो अन्दर के दरवाज़े पर सुधा भाभी चाय का प्याला लिए खड़ी थी। उन्हें अचानक देख
कर मेरे होश उड़ गए। मेरे पास इतना समय नहीं था कि मैं कपड़ों से अपने तन को छुपा
सकता। मैं उनके सामने एक दम नंगा खड़ा था, मेरी गले की आवाज गायब सी
हो गई थी। मैंने हकलाते हुए पूछा- सुधा भाभी, आप इस समय ?
भाभी ने भी कुछ नहीं कहा, लेकिन मेरे बड़े लण्ड को 2-3 मिनट तक देखते रही फिर बोली- देवर जी, यह आप क्या कर रहे थे? मैं तो आपको एक अच्छा आदमी समझती थी पर आप अपने दोस्त की गैर मौजूदगी में यह सब?
मैं डर गया और बोला- भाभी
मुझे माफ़ कर दो।
सुधा भाभी पहले कुछ नहीं
बोली फिर मेरे 8″ लण्ड को हाथ में लेकर बोली- एक शर्त पर मैं
तुम्हे माफ़ कर सकती हूँ कि जो कुछ इस फिल्म में चल रहा है वो सब तुम्हें मेरे साथ
भी करना पड़ेगा।
वैसे तो मैं कई बार सुधा
भाभी की अंगों को दूर से निहार चूका हूँ पर आज सुधा भाभी खुद मुझसे चुदाने को
तैयार थी, यह सोच कर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। आज तक मैंने
उन्हें कभी नंगा नहीं देखा था। आज मेरा सबसे हसीन सपना पूरा होने जा रहा था।
मैंने उसके होंठों पे
अपने होंठ कस के दबा दिये। 15
मिनट तक वो मेरे और मैं
उसके होंठ चूसता रहा। होंठों के बाद वो मुझे सब जगह पर चूमने लगी, गाल
छाती और सब जगह। मैं भी उसके गालों को चूसने लगा। चूस चूस के उसके गोरे गाल मैंने
लाल कर दिये।
अब तो वो बहुत गर्म हो गई
थी मगर वो अब भी कपड़ो में थी और मैंने उसके कपड़े निकालने शुरू कर दिये। धीरे से
उनकी साड़ी खींच कर अलग कर दी और उनके मम्मे दबाते हुए ब्लाउज के हुक खोल दिए, पेटीकोट
का नाड़ा खोल के पेटीकोट नीचे खिसका दिया। अब वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी। मैं
सफ़ेद ब्रा में उसके बड़े बड़े मम्मे देख के पागल हो गया।
वो बोली- सूरज, जब से तुम्हें अपना यह बड़ा लण्ड हिलाते देखा है, मैं तो इसके लिये पागल सी हो गई हूँ, अब मुझे और ना तड़पाओ !
मैंने तुरंत उसकी ब्रा
निकाल दी, उसके गोरे गोरे कबूतर आज़ाद होकर बाहर निकल आये।
मैंने धीरे से उस की पैंटी नीचे खिसका दी अब हम दोनों पूरी तरह नंगे खड़े थे। वो
मेरा पूरा नंगा लण्ड देख कर जो कि अब 8″ से बड़ा
हो गया था, अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। उसने उसे
अपने हाथों से हिलाना शुरु किया और बोली- तुम्हारा तो तुम्हारे दोस्त यानि मेरे
पति से काफ़ी बड़ा है, इसलिये मैं तुम्हें कहती थी कि तुम्हारी कोई
गर्ल फ्रेंड नहीं है क्या?? मेरे भोले सूरज जी लड़कियों को ऐसे बड़े लण्ड वाले
लड़के बहुत पसंद होते हैं !
वो मेरे लण्ड के साथ खेल
रही थी। अब उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया। मेरा लण्ड पहली बार किसी छेद
में जा रहा था। मेरे लण्ड को गुदगुदी सी हो रही थी। मैं जैसे स्वर्ग में था।
उसने मेरा लण्ड पूरा अपने
मुंह में ले लिया। क्योंकि यह मेरा पहली बार था, मैं ज्यादा देर नहीं टिक
पाया, 5 मिनट के बाद मैने उसे कहा- मैं छूटने जा रहा हूँ
!
उसने कहा- मुंह के अंदर
ही छोड़ देना !
मैने बड़े जोर के साथ अपना
वीर्य उसके मुंह में निकाल दिया और उसने वो पूरा निगल भी लिया। अब छूटने की वजह से
मेरा लण्ड फ़िर अपने सामान्य आकार में आ गया। तब भाभी और मैं बाथरूम में सफ़ाई के
लिये चले गये। वहाँ वो तो और सेक्सी बातें करने लगी। लगता है अब तक उसकी गर्मी
ठंडी नहीं हुई थी।
उसने कहा- मेरे पति का
लण्ड तुमसे बहुत छोटा है, और वो मुझे इतना प्यार भी नहीं करते, वो
यहाँ नहीं थे तो मैं सेक्स के लिये बहुत पागल हुए जा रही थी, मुझे
तुम अपनी बीवी समझना और जब जी चाहे तब चोदना। ये भाभी आज से तेरी है।
और उसने मुझे फिर चूमना
शुरु किया। हम एक दूसरे को फिर चूसते रहे, चूमते रहे।
मैने उसे कहा- भाभी, देवर
को दूधू पिलाओ !
उसने कहा- पूछो मत ! ये
दूध और दूधवाली सब आप ही के लिये हैं ! जितना दूध पीना है पी लो !
और मै बिना रुके उसके 36 डी साइज़ के सेक्सी स्तन दबाने लगा, उन्हें ज़ोरो से चूसने लगा।
वो चीखने लगी- चूसो और
ज़ोरों से, पी जाओ सारा, सूरज आआआआअ आईईइ ईइ अ दूध
ऊऊऊह ह्हह्हा आऐइ ईई ईई……ऊऊ ऊऊओ ऊऊओ ऊओ ऊ…आ आआअ आ आअ।
मैने अपनी चुसाई जारी रखी, और वो
मेरे लण्ड से खेले जा रही थी। बीस मिनट मैंने उसके स्तन चूस चूस के लाल कर दिये, अब
मेरा लण्ड फ़िर तन रहा था। अब तो मेरे लण्ड को उसके चूत के छेद में जाना था। अपना
तना हुआ लण्ड मैंने उसकी चूत पर रख कर अन्दर करने का प्रयत्न किया। मेरा लण्ड मोटा
होने के कारण अंदर जाने में थोड़ी दिक्कत हुई। लेकिन 2-3 जोर के झटकों के बाद अंदर चला गया।
तब वो चिल्लाई- आआअ आआअ
आऐइ ईईईइ ऐईईइऊ ऊऊऊईइ ईईई माआ आआआ निकालो बहुत दर्द हो रहा है !
लेकिन वो उसे अलग नहीं
होने दे रही थी। उसे भी बहुत मज़े आ रहे थे। मेरा लण्ड भी बहुत मज़ा कर रहा था। उसे
चूत चुदवाना अच्छा लग रहा था। मैने उसे लगभग बीस मिनट तक चोदा और उसकी चूत में
पानी निकाल दिया। उसी समय पर उसके भी चूत से पानी निकला।
फिर हम दोनो बाथरूम में एक साथ शॉवर में नहाये, वहाँ भी मैंने थोड़ी मस्ती की। उस रात को मैं उसी के घर रुक गया था क्योंकि वो घर में अकेली थी। हम दोनों एक ही बेड पर सोये थे एक दूसरे के बाहों में पति-पत्नी की तरह।
मेरी सेक्सी भाभी के बदन की आग ठंडी हो ही नहीं रही थी। सुबह साढ़े पाँच बजे वो फ़िर से मेरे लण्ड के साथ खेलने लगी, मैं तब नींद में था। लेकिन उसकी मस्ती से मैं उठ गया और मेरा लण्ड भी उठ गया। और फिर एक बार मस्त चुदाई हुई। “Business Partner Ki Wife”
उस पूरे दिन में हम दोनों
ने 4-5 बार सेक्स किया, मैं तो पूरा थक गया था और
वो भी।
अब भी हम लोगो का यह कार्यक्रम बिज़नस पार्टनर की गैर मौज़ूदगी में चलता रहता है। यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था जो काफी शानदार था। मगर मैं अब चिंतित हूँ क्योंकि जल्द ही मेरी शादी होने वाली है। फिर पता नहीं भाभी जैसी हसीना के साथ ये हसीं लम्हे गुजारने को मिलें या न मिलें।