मकान मालकिन ने गर्म चूत चुदवाई मुझसे

Aunty Hardcore Sex Story

मेरा नाम साहिल है और में तेलंगाना का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 26 साल है, दोस्तों आज में आप सभी को जो अपनी कहानी सुनाने जा रहा हूँ और यह मेरी एक सच्ची घटना है। दोस्तों में जिस घर में किराए से रहता था उसमे गरिमा आंटी जो मेरी मकान मालकिन है वो भी रहती है. Aunty Hardcore Sex Story

और उनकी उम्र करीब 34 साल है और उनके फिगर का साईज़ 34-28-36 है और  क्योंकि मुझे उनके वो बड़े बड़े झूलते हुए बूब्स बहुत ज्यादा पसंद थे और उसकी वजह से में उनकी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित था। में हमेशा उनके बूब्स को दबाना चाहता था और उन्हें छूकर महसूस करना चाहता था।

एक दिन आंटी ने मेरे दरवाजे की घंटी को बजाया, लेकिन में उस समय सोया हुआ था तो में आंटी की आवाज सुनकर जल्दी उठा और मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया। मैंने देखा कि बाहर दरवाजे पर आंटी खड़ी हुई थी और उस समय मेरा लंड तनकर खड़ा हुआ था जिसको आंटी ने भी देख लिया।

वो मुझे नाश्ता देने के लिए आई थी और फिर वो मुझे देकर चली गई। एक दिन ऐसे ही चला गया और दूसरे दिन में आंटी के पास चला गया तो आंटी उस समय लाल कलर की साड़ी पहने हुए हुए सोफे पर बैठी हुई थी और उनके बच्चे अपने स्कूल का काम कर रहे थे।

में अंदर आकर कम आवाज करके टीवी देखने बैठ गया और फिर कुछ देर बाद आंटी मुझसे बोली कि तू बैठ में तेरे लिए चाय लेकर अभी आती हूँ। तो वो मुझसे इतना कहकर किचन में चली गई और कुछ देर में मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और जब वो मुझे चाय देने के लिए झुकी तो अचानक से उसकी साड़ी का पल्लू नीचे सरक गया.

वाह दोस्तों वो क्या नजारा था, वो बूब्स मेरे सामने आने को बिल्कुल बैताब थे तो में उन्हें अपने सामने देखते ही एक टक नजर से देखता ही रह गया। तभी आंटी ने मुझसे कहा कि क्यों ऐसे क्या घूर रहे हो? तो में एकदम से हड़बड़ा गया और उनके हाथ से चाय लेकर अपनी नज़र नीचे करके बैठ गया और चुपचाप चाय पीने लगा।

फिर में कुछ देर बाद वापस बाहर आकर सिगरेट पीने के लिए बाहर निकल गया और बस उनके बारे में सोचने लगा और उनके बूब्स को अपनी आखों के सामने देखने लगा। रात को 11 बजे मेरे दरवाजे की घंटी बजी, लेकिन उस समय तक भी में सुबह वाली उस घटना के बारे में सोच रहा था और अब भी मेरा लंड थोड़ा थोड़ा सा खड़ा हुआ था।

फिर मैंने उठकर दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि बाहर आंटी पर्पल कलर की मेक्सी में ठीक मेरे सामने खड़ी हुई थी। मैंने उनसे कहा कि हाँ आइए ना आंटी क्या चाहिए आपको? तो उन्होंने मुझसे थोड़ा ऊँची आवाज में पूछा कि तू सुबह ऐसे क्या देख रहा था? तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर अचानक से डर गया.

और मैंने उनसे कहा कि सॉरी आंटी वो बस ऐसे ही मुझसे ग़लती से हो गया और में अब ऊपर से नीचे तक पूरी तरह पसीने से भीग चुका था। आंटी ने अब मुझसे बहुत नरम आवाज से कहा कि चलो कोई बात नहीं है तुम यहाँ पर बैठो। में उनके कहते ही तुरंत बैठ गया और अब आंटी मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?

तो मैंने कहा कि जी नहीं, दोस्तों में अचानक से बदले उनके इस स्वभाव से बहुत चकित था कि वो मुझसे अब यह सब क्या पूछ रही है? क्योंकि अब मैंने गौर किया था कि उनके चेहरे की बनावट और मुझसे बात करने का तरीका बिल्कुल बदल सा गया था और उनके चेहरे पर मुझे एक अजीब सी शरारती हंसी नजर आ रही थी।

फिर आंटी ने मेरी बात सुनकर कहा कि ठीक, लेकिन क्या तुमने कभी किसे से सेक्स किया है? तो मैंने कहा कि नहीं, दोस्तों अब मुझे उनकी बातों से इस बात का अंदाजा हो गया कि वो मुझसे क्या पूछना या मेरे मन में क्या है वो जानना चाहती है? तभी उन्होंने मुझसे कहा कि तू क्या मेरे साथ सेक्स करेगा?

दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर में तो जैसे सातवें असमान में उड़ने लगा और बहुत खुश होकर मन ही मन सोचने लगा कि जैसे कि वो खुद ही मेरे पास आज आ गई है मुझसे अपनी चुदाई करवाने के लिए और अब मैंने ज्यादा समय खराब ना करते हुए तुरंत ही आंटी को अपनी बाहों में जकड़कर किस करते हुए उनके बूब्स को उनकी मेक्सी में से ही दबाना शुरू कर दिया.

क्योंकि अब में इतना अच्छा मौका बिल्कुल भी अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता था। वाह मज़ा आ गया मुझे उनके वो मुलायम बड़े बड़े बूब्स दबाकर। फिर करीब पांच मिनट के बाद मैंने आंटी की मेक्सी को खोल दिया और अपने भी कपड़े उतार दिए। तो आंटी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारे पास कोई ब्लूफिल्म की सीडी है? “Aunty Hardcore Sex Story”

फिर मैंने कहा कि मेरे पास ऐसी कोई भी सीडी नहीं है, लेकिन में वो सब ऑनलाईन ही देखता हूँ तो मैंने एक मस्त सेक्सी फिल्म नेट पर लगा दी और अब मैंने जैसे अपना लंड पेंट से बाहर निकाला तो आंटी देखती ही रह गई और मुझसे कहने लगी कि वाह तेरा लंड तो इतना बड़ा और मोटा भी है, मुझे पता होता तो में पहले ही तुझसे चुदवा लेती, लेकिन अब में तुझसे हर रोज़ अपनी चुदाई करवाया करूंगी क्योंकि मेरा पति तो बाहर है और वो दो साल में एक बार आता है और वो उसका काम होने के बाद ही मुझे ऐसे ही छोड़कर सो जाता है और फिर में अपनी उंगली से ही काम चलाती हूँ, लेकिन अब तू आ गया है तो मुझे मज़ा आ गया.

और फिर वो इतना कहकर मेरा लंड चूसने लगी। वाह दोस्तों क्या मज़ा आ रहा था और अब में उसके मुहं में मेरा लंड देकर में आसमान में उड़ रहा था। मुझे ऐसे महसूस हो रहा था और करीब दस मिनट लंड चूसने के बाद में करीब 15 मिनट तक उसके बूब्स को दबाता ही रहा। तभी आंटी मुझसे कहने लगी कि प्लीज थोडा आहिस्ता आहिस्ता दबा मुझे बहुत दर्द हो रहा है।

में : आंटी मुझे अब इनको चूसना और दबाना बहुत अच्छा लगता है, प्लीज आप मुझे आज कुछ भी मत कहो, में आज आपकी कोई बात नहीं सुनूंगा।

आंटी : आह्ह्हह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो आईईइ उईईईईईई माँ में मरी।

अब आंटी ने मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत में दबाने लगी और में ना ना कहता रहा, लेकिन वो अब मुझसे अपनी चूत को ज़बरदस्ती चटवाना चाह रही थी। अब वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है प्लीज साहिल आज डाल दे तेरा लंड मेरी इस भूखी चूत में।

पिछले 15 महीने से नहीं चुदी हूँ, प्लीज आज बुझा दे इसकी प्यास, अब से में तेरी ही पत्नी बनकर रहूंगी आह्ह्ह्ह डाल। अब मैंने आंटी को सीधा लेटाकर उनकी कमर के नीचे एक तकिया रखकर मेरा लंड चूत के मुहं पर रख दिया और फिर एक ज़ोर का धक्का देने के साथ ही लंड को चूत के अंदर डालने लगा.

जिसकी वजह से आंटी बहुत ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और फिर उन्होंने मुझे गाली देते हुए कहा कि कमीने इतने ज़ोर से मत कर, अब इसे बाहर निकाल दे कुत्ते आह्ह्ह में मर गई उइईईईईईई माँ बहुत दर्द हो रहा है मुझे उह्ह्ह बाहर निकाल इसे। दोस्तों मैंने महसूस किया कि वो अब उस होने दर्द से कांप रही थी।

में थोड़ा ऐसे ही रुका रहा और अब धीरे धीरे धक्का देने लगा, आंटी अब भी दर्द से करहा रही थी और सिसकियाँ लेकर मुझे गालियाँ देकर कह रही थी हाँ और ज़ोर से चोद दे कमीने, कुत्ते इस भूखी पुजारन को, आज से में तेरी ही हूँ, चोद दे आज इसकी प्यास बुझा दे उह्ह्ह्ह और आईईइ ज़ोर लगाकर दे।

अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के पे धक्के दे रहा था और आंटी भी बहुत मस्त पूरी तरह जोश में आकर मस्ती में मुझसे चुदवा रही, वाह क्या मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी तुमको चोदने का ख्याल बहुत दिनों से था, लेकिन आज में हक़ीक़त में तुम्हे चोद दूंगा, यह मैंने कभी नहीं सोचा था.

और फिर बीस मिनट के बाद मैंने उनसे कहा कि आंटी में अब झड़ने वाला हूँ तो में अपना माल कहाँ पर निकालूं? तो आंटी ने मुझसे कहा कि तू मुझे आज तेरा वीर्य पिला दे, मुझे आज उसे चखना है। फिर मैंने तुरंत अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर उसके मुहं में डालकर मुहं में झड़ गया.

और उस बीच में आंटी दो बार झड़ चुकी थी, वो कहने लगी कि वाह मज़ा आ आ गया। दोस्तों उस रात में उनके पास में लेट गया और थोड़ी देर बाद आंटी मेरे लंड को चूसने लगी। मैंने उनसे कहा कि आंटी अब हम कल करते है तो आंटी ने मुझसे कहा कि मुझे तेरे साथ और भी गेम खेलना है। “Aunty Hardcore Sex Story”

फिर उन्होंने चूसते चूसते मेरे लंड को एकदम से खड़ा कर दिया और मेरा लंड अब गरम सरीए की तरह खड़ा था और अब वो मेरे लंड पर बैठकर आहिस्ता आहिस्ता उछलने लगी और चीखते चिल्लाते हुए आहहह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह माँ मर गई कहती रही, जिसकी वजह से पूरे कमरे में अब फच फच की आवाज़ गूंज रही थी.

और करीब दस मिनट बाद आंटी उछलते उछलते अह्ह्ह्हह्ह उूईईईईईइई साहिल आऊऊऊऊ कहते हुए झड़ गई और मेरे पास में लेट गई। अब में उठाकर एक बार फिर से चूत में लंड डालकर चोदने लगा क्योंकि में अभी भी नहीं झड़ा था और करीब दस मिनट तक में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा।

आंटी का क्या? वो तो बस पड़ी हुई अह्ह्ह्हह्ह उह्ह्हह्ह उइईईईईईईईई साहिल में मर गई हाँ चोदो मुझे और ज़ोर से आह्ह्ह्ह उईईईइ कहती रही और इस बीच हम दोनों ही एक साथ झड़ गए। उस समय में आंटी की चूत में ही झड़ गया और जब मैंने घड़ी में समय देखा तो उस वक्त सुबह के 2:45 बज गए थे।

तो आंटी ने कहा कि हम कल फिर से करेंगे और फिर वो चली गई। दोस्तों अब हमारा जब भी मन करे तो हम एक साथ पति पत्नी की तरह मस्ती करते है और में उनके साथ चुदाई के बहुत मज़े लेता हूँ, मैंने उनको दिन रात जब में बहुत बार चोदा और वो मुझसे चुदवाकर अपनी चूत की आग को शांत करती है।

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