पापा मुझे चोद कर बेटीचोद बन गए 2

हेल्लो फ्रेंड्स, मैं अवनीत दोस्तों आपने मेरी कहानी पापा मुझे चोद कर बेटीचोद बन गए के पहले भाग में पढ़ा. की कैसे मम्मी के न होने पर पापा चुदाई के लिए तड़प रहे थे और मेरी कामवाली के साथ मजे कर रहे थे. पर मेरे आने से उनकी चुदाई अधूरी रह गई, फिर मैंने पापा को अपनी चूत चोदने को बोला. और पापा मुझे खेत में ले गए चोदने के लिए अब आगे.. Beti Ki Antarvasna Kahani

बीच-बीच में मैं पापा की की छाती पर अपने बूब्ज़ मसल देती। पापा ने मेरा सिर पकड़ा और मेरा चेहरा ऊपर करके अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए। पहले हमने एक दूसरे के बारिश से भीगे होंठ जीभ से चाटकर साफ किए और फिर होंठों का रसपान करने लगे।

कुछ टाईम तो आराम से चूमते रहे फिर जोर जोर से चूसने लगे। हम एक दूसरे के होंठों को मुंह में लेकर चूसने लगे और दांतों से हल्का हल्का काटने लगे। फिर हम एक दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाने एवं चूसने लगे।

मैं पापा के बारिश से गीले हुए गाल, कान और गर्दन चूसते हुए पापा कई छाती को जीभ से चाटने लगी। मैंने पापा के छाती के निप्पलों पर जीभ घुमाते हुए मुंह में भर लिया और जोर से चूसने लगी। बीच-बीच में मैं पापा के निप्पलों को काट लेती और थब पापा मेरे कंधों को जोर से दबाकर आहें भरने लगते।

अब मैं पापा के पेट को चूसते हुए चूसने और काटने लगी और पापा मस्ती में मेरा सिर अपने पेट पर दबा देते। पापा ने मुझे सीधी खडी़ कर दिया और अपना मुंह मेरे बूब्ज़ पर रख दिया। पापा जोर जोर से मेरे बूब्ज़ चूसने लगे और जितनी जोर से पापा बूब्ज़ चूसते मुझे उतना ही मजा आता। पापा मेरे बूब्ज़ चूस रहे थे और मैं उनका सिर पकड़ कर अपने बूब्ज़ पर दबा रही थी।

पापा के जोर जोर से बूब्ज़ चूसने से मेरे बूब्ज़ पर लाल निशान पन गए और बूब्ज़ पर दांत गढा़ने सै दांतों के निशान बन गए। मैं पापा की पीठ पर नाखून गढा़ने लगी शर उनकी पीठ पर लाल निशान पर गए। अब पापा मेरे निप्पलों को चूसने लगे और मुझे बहुत मजा आने लगा।

जब पापा निप्पलों को काटते तो मेरे मुंह से आह निकल जाती। पापा मेरे नाजुक पेट पर जीभ घुमाने लगे और दांत गढ़ा गढ़ा कर पेट भी लाल कर दिया। जब पापा मेरी गहरी नाभि में जीभ डालकर हिलाते तो मैं मचल कर पापा के बाल नोंच लेती।

मैंने पापा को सीधा खडा़ कर लिया और घुटनों के बल नीचे बैठ कर पापा का लंड पकड़ लिया और मुंह में ले लिया। पापा ने रुकने को बोला और चारपाई बाहर निकाल ली। चारपाई को रखकर पापा उस पर लेट गए और मुझे अपने ऊपर 69 अवस्था में आने को कहा।

मैं चारपाई पर पापा के ऊपर आ गई, मैंने अपने घुटने मोड़कर पापा की गर्दन के पास रखकर अपनी चूत को पापा के होंठों के पास कर दी और पापा का लंड मेरे होंठों के पास आ गया। पापा ने अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और चाटने लगे।

मैंने पापा के खडे़ लंड की चमड़ी पीछे की और टोप्पे पर जीभ गोल गोल घुमा कर चाटने लगी। टोप्पे पर जीभ घुमाते घुमाते मैंने पापा का लंड मुंह में ले लिया और मुंह भर कर चूसने लगी। पापा मेरे नर्म नर्म चूतडो़ं को पकड़कर मेरी चूत को चूमते हुए चूत में डालकर चाटने लगे।

मुझे और पापा को बहुत मस्ती चढ़ी हुई थी, पापा मेरी चूत में जीभ डालकर बहुत जोर जोर चूत चाटने लगे और सपड़.. सपड़.. की आवाज़ आने लगी। मैं पापा के लंड को मुंह में लेकर तेज़ी से सिर नीचे करके ऊपर उठाती।

पापा का लंड मेरे गले में उतर जाता और फिर मैं बाहर निकाल लेती। मैं पापा का लंड बहुत तेज़ी से गले के अंदर-बाहर करने लगी और गप्पपप… गप्पपप.. की आवाज़ आने लगी। हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे और बारिश का पानी महौल को और भी सेक्सी बना रहा था। हम बाप बेटी सेक्स की दुनियां में खोए हुए अपने रिश्ते से बेखबर लंड एवं चूत चुसाई के मजे में सब कुछ भूल चुके थे।

पापा ऐसे ही चारपाई पर सीधे लेटे रहे और मैं उनके ऊपर सीधी हो गई। मैंने पापा के होंठों को चूमकर पूछा पापा चूत चोदोगे या गांड चोदोगे। पापा बोले चूत और गांड दोनों चोदूंगा। मैंने हंस कर कहा पापा आपके क्या दो दो लंड हैं जो एक साथ चूत एवं गांड में घुसा दोगे, मैं यह पूछ रही हूं पहले चूत में लंड डालोगे या गांड में।

पापा बोले तेरे एवं तेरी मम्मी को दो लंड भी कम पडे़ंगे। मैंने कहा ये तो है पापा जब तीनों छेदों में एक साथ लंड घुसे होते हैं तब मजा ही कुछ और होता है। फिर मैंने पापा को उकसाने केलिए कहा आपका एक लंड ही तीन के बराबर है और मेरे तीनों छेदों को बारी बारी से वीर्य से भर देगा।

पापा बोले चल अवनीत गांड से शुरुआत करते हैं। मैंने कहा ठीक है मेरे चोदू पापा गांड से शुरुआत कर लो। पापा बोले ठीक है मेरी छिनाल बेटी लेकिन एक बार में पूरा अंदर घुसा लेना। मैंने कहा मैं आपकी बेटी हूं पापा कोई रंडी नहीं जिसको पैसे लेकर चोदने को लाए हो, मैं धीरे-धीरे लंड अंदर लूंगी।

आपका लंड बहुत मोटा एवं लंबा है जोर से लिया तो मेरी गांड फट जाएगी। पापा बोले वैसे तू किसी रंडी से कम नहीं है चल जैसी तेरी मर्जी, तू धीरे-धीरे ले ले। मैंने पापा के लंड पर अपनी गांड का छेद सैट किया जो बारिश के पानी से गीला हो चुका था।

पापा को लगा मैं धीरे-धीरे लंड अंदर लूंगी लेकिन मैंने पापा की छाती पर हाथ रखकर बहुत तेज़ी से अपनी गांड नीचे धकेल दी। पापा का लंड मेरी गांड की दीवारें खोलता हुआ मेरी गांड में जड़ तक समा गया। पापा इतने तेज झटके केलिए तैयार नहीं थे, पापा का लंड मेरी टाईट गांड के छेद में रगडा़ गया।

पापा बोले बहनचोद साली कुतिया रंडी धीरे-धीरे बोलकर मेरे लंड की मां चोद दी। पहले बोल देती छिनाल, मैं अपने लंड पर थूक लगा लेता। मैंने कहा चुप कर बहनचोद थोडी़ देर में ठीक हो जाएगा फिर गांड उठा उठा कर चोदने लगेगा।

थोडी़ देर मैं पापा के लंड को अपनी गांड में धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगी। अब पापा नार्मल हो गए और मुझे कमर से पकड़कर गांड हिलाते हुए मेरी गांड चोदने लगे। मैंने पापा से कहा क्यों मादरचोद पापा अभी आपकी गांड फट रही थी अभी दे दना दन चोद रहे हो।

पापा बोले तू है ही इतनी गर्म कुतिया कि तुझे जो जोर जोर से न ठोके वो काहे का मर्द, तेरी जैसी गर्म चुद्दकड़ रंडी किसी किसी नसीब वाले को मिलती है। जैसे तू लंड चूस रही थी तभी समझ गया था कि तेरे में चुदाई की आग बहुत है।

आज तक तेरी मां और बुआ के अलावा जिन लड़कियों और औरतों को मैंने चोदा है तू सब से सेक्सी और गर्म है। तू भी अपनी मां और बुआ जैसी चुद्दकड़ रंडी है तुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा है। मैंने पापा के हाथ की उंगलियों में अपनी उंगलियों को फंसा कर पापा के लंड पर जोर जोर से फुदकने लगी और पापा भी नीचे से मेरी गांड में तेज़ी से लंड पेलने लगे।

बारिश में हम भीगे हुए थे और लंड के गांड के अंदर-बाहर होने से फटाच फटाच की आवाज़ आने लगी। मैंने पापा से कहा पापा अब मेरी चूत अपने चोदू बाप का लंड मांग रही है। पापा बोले चल मेरी छिनाल बेटी अब तेरी चूत का बाजा बजाऊंगा।

मैं पापा के लंड को गांड के अंदर-बाहर करते बोली देखते हैं मेरी चूत का बाजा बजता है या आपके लंड की बांसुरी बजती है। मैंने गांड ऊपर उठा कर पापा का लंड गांड से निकाल कर चूत का छेद पापा के लंड पर टिका दिया।

जैसे ही मैंने चूत पापा के लंड पर टिकाई पापा ने लंड अंदर डालने से पहले उनकी पैंट में पडा़ कंडोम लाने को बोला। मुझे कंडोम लगा कर चुदाई में मजा नहीं आता लेकिन चुपचाप कंडोम ले आई मुझे लगा पापा को अच्छा लगता होगा। मैंने पापा के लंड पर कंडोम चढ़ा दिया और चूत लंड पर रखकर नीचे धकेल दी।

कंडोम की चिकनाई और मेरी गीली चूत की चिकनाई से लंड मेरी टाईट चूत की दीवारों से फिसलता हुआ अंदर चला गया। मैं पापा के लंड पर उछलने लगी लेकिन मजा नहीं आ रहा था। मैंने पापा से कहा पापा अगर बिना कंडोम के करें तो आपको कोई एतराज़ तो नहीं।

पापा का चेहरा खिल गया और बोले क्या बात है मेरी चुद्दकड़ बेटी, मुझे भी कंडोम लगा कर मजा नहीं आता, मैंने इसलिए लगाया कहीं बच्चा न ठहर जाए। मैं हंस कर बोली पापा आप भी बच्चों वाली बात कर रहे हो, जब इतने लंड बिना कंडोम के मुझे चोद चुके हैं तब कुछ नहीं हुआ अब क्या हो जाएगा। अगर ज्यादा बात है तो जाते टाईम गर्भ निरोधक गोली ले लेना वो खा लूंगी।

पापा बोले मानना पडे़गा अवनीत तू बहुत चुद्दकड़ रांड है चुदाई का मजा लेती भी है और देती भी है। मैंने पापा का लंड चूत से निकाल कर कंडोम उतार कर फेंक दिया और फिर से पापा के लंड पर चूत टिका दी।

इस बार मैंने बहुत जोर से गांड नीचे धकेल दी और पापा का लंड सीधा मेरी बच्चेदानी से टकरा गया। जैसे ही पापा का लंड मेरी बच्चेदानी से टकराया मेरे मुंह से मस्ती भरी चीख निकल गई। मैंने आगे झुक कर अपने हाथ पापा के कंधों पर रख लिए और घुटने अच्छी तरह से चारपाई पर जमा लिए।

मैं अपनी गांड ऊपर-नीचे उछाल कर पापा का लंड अपनी चूत के अंदर-बाहर करने लगी। पापा भी अपनी गांड उछाल कर मेरी चूत में लंड पेलने लगे। जैसे ही पापा का लंड मेरी चूत में जाकर मेरी बच्चेदानी से टकराता तो मेरे मुंह से मस्ती की चीख निकल जाती और पापा के मुंह से भी कामुक आंहें निकल रही थीं, जिससे पूरा महौल चुदाई के रंग मे रंगा गया।

मैं पापा के लंड पर जोर जोर से उछलने लगी और मेरे बडे़-बडे़ बूब्ज़ भी ऊपर-नीचे फुदकने लगे। पापा ने मेरे ऊपर-नीचे डांस करते हुए बूब्ज़ को अपने हाथों में पकड़कर दबाते हुए मेरी चूत में लंड पेलने लगे।

मैं भी उतनी तेज़ी से अपनी गांड उठा उठा कर पापा का लंड चूत के अंदर-बाहर करने लगी। चुदाई इतनी जोरों से चल रही थी के चूत और लंड के मिलन से फच्चचच फच्चचच की आवाज़ें बहुत जोरों से आ रही थीं। पूरे बागान में बारिश के पानी की आवाज़, फच्चचच फच्चचच की आवाज़, पापा की कामुक आवाज़ें और मेरी मस्ती भरी चीखें गूंज रही थीं। “Beti Ki Antarvasna Kahani”

पापा ने मेरा सिर पकड़कर होंठों से होंठ लगाकर मेरी गांड ऊपर उठा ली और नीचे से ताबड़तोड़ शॉट मारकर मेरी चूत चोदने लगे। बारिश में चुदाई का और पापा के मोटे लंबे लंड से चुदाई का अजब मजा आ रहा था।

पापा ने मुझे अमरूद के पेड़ के साथ झुका कर मुझे घोडी़ बना कर खडी़ कर लिया। पापा ने मेरी गांड पर लंड लगाकर मेरी गांड में जोरदार शॉट मारा और एक बार में ही लंड मेरी गांड में घुसा दिया। पापा ताबड़तोड़ शॉट मारकर मेरी गांड चोदने लगे और मैं अपना लंड गोल गोल घुमा कर लंड का मजा लेने लगी।

पापा ने मेरे बाल पकड़कर मेरी गांड में लंड पेलने लगे और मैं भी गांड आगे-पीछे करके लंड लेने लगी। जैसे लंड अंदर-बाहर होता और मैं जोर जोर से मस्ती में चिल्लाती। पापा भी चोदते हुए आंहें भर रहे थे और बहुत मस्त चुदाई चल रही थी।

पापा ने गांड से लंड निकाल कर मेरी चूत में पेल दिया। पापा मेरी कमर पकड़कर मेरी चूत में लंड पेलने लगे और मैं गांड आगे-पीछे करके चूत में लंड को अंदर-बाहर करते हुए मस्ती में चीखें मारने लगी।पापा ने मुझे अपनी तरह घुमा कर मेरी पीठ पेड़ से लगा दी।

पापा ने मेरी टांग उठा कर मेरे होंठों से होंठ लगा दिए और मेरी चूत में लंड डाल दिया लेकिन पापा की हाईट मुझ से ज्यादा होने से लंड सही से अंदर तक नहीं जा रहा था। सही से लंड अंदर न जाने से हम दोनों को मजा नहीं आ रहा था तो मैंने पापा को रुकने को कहा और मैंने अपने हाई हील के सैंडिल पहन लिए। “Beti Ki Antarvasna Kahani”

मैंने टेबल भी साथ उठा कर पेड़ के पास रख दिया। मैं पेड़ से पीठ लगाकर एक पैर टेबल पर रख कर पापा से कहा अब चोदो। पापा ने कहा बड़ी चालू है तू अवनीत सब मालूम है कैसे जबरदस्त चुदाई करनी है। मैंने कहा पापा बातें ही करते रहोगे या चुदाई भी करोगे। पापा ने मेरी चूत पर लंड रखा और होंठों पर होंठ रख दिए।

मैं पापा के होंठ जोर से चूसने लगी और पापा की पीठ पर बांहें लपेट लीं। पापा ने मेरी पीठ को बांहों में जोर से जकड़ कर होंठों का रसपान करते हुए चूत में जोरदार झटका मारा। एक ही शॉट में पापा का लंड मेरी चूत की गहराई में उतर कर मेरी बच्चेदानी से टकरा गया।

मेरे मुंह से जोरदार मस्ती भरी चीख निकली जो पापा के होंठों में दब गई। पापा अपनी कमर आगे-पीछे करके मेरी चूत चोदने लगे और मैं पापा के होंठों को चूसते हुए उनकी पीठ में नाखून गढा़ने लगी। मैं पापा के कान को होंठों में लेकर चूसने लगी और हमारे गीले बदन एक दूसरे से चिपके हुए थे।

मेरे बडे़ बडे़ गोल बूब्ज़ पापा कई सुडौल छाती में दबे हुए थे और मेरे बूब्ज़ के निप्पल पापा की छाती में गढे़ हुए थे। पापा मेरी चूत जोरदार शॉट मारकर चोद रहे थे और मैं पापा के कान को चूसते हुए अपने बूब्ज़ पापा की छाती पर मसलने लगी। “Beti Ki Antarvasna Kahani”

हम दोनों बिल्कुल गीले थी तो बूब्ज़ मसलने में बहुत आनंद आ रहा था। पापा ने मुझे पेड़ की तरफ मुंह घुमा कर खडी़ कर दिया और टेबल साईड पर कर दिया। हाई हील के सैंडिल की वजह से मेरी मोटी गांड और भी उभर आई थी। मैंने अपने चूतडो़ं की फांकें खोल दीं।

पापा ने पी से मेरे बूब्ज़ पकड़ लिए औल दबाने लगे। पापा ने मेरी गोरी मुलायम पीठ को चूमते हुए मेरी गांड पर लंड लगाकर जोरदार शॉट मारा और लंड मेरी गांड की गहराई में सैर करने लगा। पापा मेरी गांड चोदने लगे और मैं भी गांड आगे-पीछे करके गांड चुदाई का आनंद लेने लगी।

जब पापा जोरदार शॉट से लंड मेरी गांड में पेलते और उनका जिस्म मेरे चूतडो़ं को टच करता तो पूरे बदन में खलबली होने लगी। पापा ने मेरे बूब्ज़ जोर से पकड़ लिए और बहुत तेज़ी से मेरी गांड चोदने लगे।

मैं समझ गई पापा झड़ने वाले हैं और मैंने पापा से कहा वीर्य मुंह में देना। पापा ने लंड मेरी गांड से निकाल लिया और मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गई। पापा ने कपड़े से लंड को साफ किया और मैंने पापा का लंड मुंह में लेकर चूसना चालू कर दिया।

थोडी़ देर बाद पापा मुझे सिर से पकड़ कर मेरे मुंह में झटके देने लगे और कुछ देर में पापा के लंड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी। मेरा मुंह पापा के वीर्य से भर गया, कुछ वीर्य मैं पी गई और कुछ मेरे होंठों से टपकते हुए मेरे बूब्ज़ पर गिरने गगा। “Beti Ki Antarvasna Kahani”

पहले मैंने बूब्ज़ पर गिरा हुआ हाथ पर लगा कर चाट लिया फिर पापा का लंड जीभ से चाट कर साफ किया और बारिश के पानी से ही खुद को साफ किया। उसके बाद वहीं पर दो बार और चुदाई की। दूसरी बार पापा ने अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ा और तीसरी बार मेरी गांड को अपने वीर्य से भरा। चुदाई के हर राऊंड से पहले हम शराब और सिगरेट पीते और एक दूसरे के जिस्म से खेलते।

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