अ सलाम वालीकुम आप सबको मेरा नाम हसीबा मैं फिरोजाबाद की रहने वाली हू मेरी उम्र 28 साल है जो कि किसी भी लड़की / लड़के के जवानी के दिन होते है मैं बहुत ही हसीन और गरम लड़की हू जो मोहल्ले के बच्चे से लेकर बुड्ढे के भी लंड मेरी मटकती कमर को देख सलामी दिया करते थे. Muslim Lady Anal Fuck
मैं हिजाब कभी नहीं पहनती थी डीप कट क्लीवेज वाली चुस्त हाफ नाइट गाउन और हाफ टाइट पजामा जिसमें से मेरी खूबसूरती बाहर छलका करती थी. मुझे अच्छे से पता था कि पूरा मोहल्ला मेरे साथ बिस्तर गरम करना चाहता है फिर भी मुझे उन्हें तड़पाने मे बहुत मज़ा आता था.
मेरे पति की पंचर की दुकान थी तो उनकी मोहल्ले मे कुछ खास इज़्ज़त थी नहीं पर मुझे सब मोहल्ले की आइटम बुलाया करते थे. मैं सब जानती थी और मुझे अच्छा भी लगता था अपनी हुस्न की तारीफ मे कसीदे सुनना.
एक बार की बात है हमारे मोहल्ले मे एक लड़का जो कि इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था मेरे घर के सामने रहने आया. वो बहुत ही मर्दाना लंबा चौड़ा सा था उसका नाम प्रवीण था वो मुझे कभी भाव नहीं दिया करता था मुझे वो बहुत ही पसंद था.
मुझे जब मौका मिलता मैं उसको खिड़की से निहारा करती थी और मन ही मन अल्लाह से दुआ मे अपने जिस्म को उसके मर्दाना जिस्म के नीचे रौंधवाने की ख्वाहिश करती. एक शाम की बात मैं घर में अकेली थी और मेरे पति अपनी दुकान पर गए हुए थे.
वो हमेशा लंच बॉक्स ले जाया करते थे तो मैं आराम से मोहल्ले के लड़कों पर बारजे से अपने हुस्न का जादू बिखेरा करती थी उस शाम प्रवीण भी गली से गुजर रहा था और मुझे देख कर अनदेखा करके जाने लगा मैंने जानबूझकर अपनी पैंटी को उसके ऊपर गिरा दिया जोकि सूखने के लिए टांगी थी.
बाकी लड़के मेरे इरादे समझ गए और प्रवीण को देखकर हसने लगे मैंने बारजे से झाकते हुए कहा अजी सुनते है वो पैंटी मेरी क्या आप मुझे आकर वापस कर देंगे. ना चाहते हुए भी उसने हाँ करदी क्युकी वो एक शरीफ लड़का था.
मैं तुरंत दरवाजे पर दौड़ कर गई और उसको अपने घर मे बुला लिया और सोफ़े पर बिठाया. वो बहुत ही हिचकिचा रहा था पर मैंने तो ठान लिया था कि आज ये मौका हाथ से नहीं जाने दूंगी. मैंने उससे चाय के लिए पूछा और वो ना नहीं कर पाया.
मैंने चाय बनाकर लाई और लाते वक्त इरादतन उसके कमीज़ पर गिरा दिया. वो उछल पड़ा और मेरे जिस्म से लिपटकर बगल वाले सोफ़े पर मेरे ऊपर गिर गया कुछ वक्त तक हम वैसे ही पड़े रहे और एक दूसरे की आँखों मे प्यार से देखते रहे.
मुझे उसकी गरम गरम सांसे अपने मुम्मों पर मेहसूस हो रही थी जो उस लम्हे को और भी उत्तेजक बना रही थी. मैंने शर्म हया को भूल कर पहले उसके नर्म होठों को अपने होठों से मिलाया और लम्हा मानो ठहर सा गया.
उसने भी मेरे होठों को आहिस्ता आहिस्ता चूसना शुरू किया हमने लगभग 20 मिनट तक एक दूसरे को किस किया. जब हमे होश आया तो प्रवीण तुरंत पीछे हटते हुए बोला आप क्या कर रहे हों ये सब ठीक नहीं है आपके शौहर को पता चलेगा तो वो आपको सजा देंगे जो मैं नहीं चाहता.
तुरंत हसीबा ने अपनी एक टांग प्रवीण के पैंट के ऊपर से लंड पर रखते हुए बोला तुम्हें क्या लगता है मेरे शौहर इस गली मे नही आते जाते उन्हें कोई दिक्कत नहीं है वो मुझे कभी डिस्टर्ब नहीं करते और ये बोलते बोलते मैंने अपने घुटनों पर बैठकर प्रवीण के पौंट की जिप खोली.
और मेरी आँखें फटी की फटी रह गई प्रवीण का लंड पूरे मोहल्ले के मर्दों से बड़ा और मोटा था वैसे भी मेरे कॉलोनी मे सारे नामर्द मुल्ले ही भरे पड़े थे तरस जाती थी प्यास बुझाने को. मैंने बिल्कुल भी देर ना करते हुए प्रवीण का 10 इंच का मोटा काला लोडा अपने मुह मे भर लिया और पूरे प्यार और शिद्दत से उसे चूसना शुरू किया.
मैं लगातार प्रवीण की आँखों मे देख रही थी और प्रवीण मुझे एक सस्ती रांड की तरह मेरे बाल पकड़ के अपने लंड के रोम रोम को मेरे लार से गिला करवा रहा था. मेरा मुह दर्द करने लगा तब जाकर प्रवीण ने मुझे घसीटते हुए बेडरूम के बेड पर फेंक दिया और अपने कपडे उतारने लगा.
उसका 6 पैक एब्स वाला मर्दाना जिस्म देख मैं अपने दांतों तले उंगली दबाने लगी. मैं समझ गयी थी आज मैं बिस्तर से खुद की ताकत से नहीं उतर पाऊँगी वो मेरे ऊपर जानवरों की तरह झपट पड़ा मेरे कानों को दांतों से काटने लगा मेरे मुम्मों को निचोड़कर दबाने लगा.
पूरा कमरा हमारे प्यार की चीखों से भर गया वो धीरे धीरे मेरे मुम्मों को अपने दांतों से काटता तो मेरे जिस्म में बिजली सी बहने लगती. उसने मेरे दुध से सफेद मुम्मों को लाल कर दिया मैंने उसका सर नीचे ढकेल दिया और अपनी योनि से सटा दिया जो कि पूरी पानी पानी हो चुकी थी.
प्रवीण ने आहिस्ता आहिस्ता मेरे योनि से बह रही पानी की हर एक बूंद को अपनी गिली जीभ से चाट चाट कर साफ़ किया और मेरे योनि की दरारों को अपनी जीभ से अलग करके उसमे अपनी जीभ घुसा दी मैं मचल उठी और मादक सिसकारीयां लेने लगी.
प्रवीण रह रह कर मेरी दीवारों को अपने दांतों से काटता था जिससे मेरी अंदर की आग और भड़क उठती उसने मेरी टांगों को हवा मे उठा दिया. जिससे मैं ना चाहते हुए भी उसे रोक नहीं पा रही थी कुछ देर बाद मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं बेसुध वही हाँफती हुई लेती रही.
प्रवीण बेड पर खड़ा होकर बोला बस इतने में ही तेरी गर्मी निकल गई उसने मुझे जमीन पर गिराया और मुझसे अपना लंड चुसवाने लगा. मैं तो सब थकान भूल फिर उसकी सेवा मे लग गई उसने मुझे उठाया और बेड पर घोड़ी बनने को कहा.
मैं समझ गयी मेरी चूत आज गई उसने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत पर रखा और एक झटके में पूरा अंदर डाल दिया. मैं चीख उठी और रोने लगी फिर बिना रुके उसने 15 मिनट मेरी बेरहमी से प्यास बुझाई और अंदर ही झड़ गया.
हम दोनों ऐसे ही पड़े थे तब तक मेरे शौहर आज दुकान जल्दी लौट आए और हमे दोनों को पकड़ लिया पर हम से दोनों को कोई फर्क नहीं पड़ा प्रवीण उठा और मेरे शौहर को हमारे बेड के सामने के सोफ़े पर बिठा दिया मैं मन ही मन मुस्काई मेरे शौहर की आँखों मे गुस्सा और आंसू दोनों थे पर मैंने प्रवीण को बुलाया.
– प्रवीण जरा यहां आइये.
– प्रवीण भी समझ गया और मेरे साथ बेड पर आकर बैठ गया.
– मैंने प्रवीण से कहा देखो जरा मेरी गाँड़ मे बहुत खुजली हो रही जरा देखो तुम मिटा सकते हो क्या.
– प्रवीण ने मेरे शौहर के सामने मेरी गाँड़ मे दो उंगली डाली और पूछा यहां खुजली हो रही है.
– मैंने कहा नहीं और अंदर.
तब प्रवीण ने अपना लंड मेरी गाँड़ से सटाया और एक झटके मे डाल दिया. मैं चिल्ला उठी मेरे शौहर का लंड पजामे के अंदर ही बहने लगा मुझे ये देख हसी रोके नहीं रुक रही थी. तब तक प्रवीण ने एक जोरदार झटका मारा मैं रोने लगी किसी ने आजतक मेरी गाँड़ नहीं मारी थी. “Muslim Lady Anal Fuck”
वो मुझे पूरे आधे घंटे चोदता रहा मैं बेहोश होने लगी और मुझे अपनी गाँड़ मे गीला मेहसूस हुआ, मैं पूरे 3 घंटे बाद जब उठी मैंने देखा मैं सोफ़े पर नंगी बैठी थी बगल में मेरे शौहर चाय पी रहे थे तब तक प्रवीण भी कपड़े पहनकर बेडरूम से आया.
मैं उछल कर उसके पास गयी और उसे जोर की किस दी और उसे जब मन करे आ जाना कह कर रवाना किया प्रवीण ने मेरे शौहर को इशारा किया वो जी सहाब बोलकर मेरे जिस्म से प्रवीण के वीर्य को चाटकर साफ़ करने लगा और प्रवीण चला गया। अपनी राय देने के लिए मेल करें। शुक्रिया.